Friday, February 18, 2022

URDU ~ POETRY__Draft

@umda_panktiyan


न उन आँखों का काजल ही न ज़ुल्फ़ों की सियाही है ये आँखें बंद भी हों तो कहाँ वो रात होती है


~ ज़ोया गौतम ' निहां ' 

copyright Ⓒ zg 2022


No comments:

Post a Comment

..namastey!~