..the line of insanity in sanity.. (ibabbleat random!)
@umda_panktiyan
न उन आँखों का काजल ही न ज़ुल्फ़ों की सियाही है ये आँखें बंद भी हों तो कहाँ वो रात होती है
~ ज़ोया गौतम ' निहां '
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..namastey!~
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