..the line of insanity in sanity.. (ibabbleat random!)
URDU ~ POETRY__Draft
फूलों के नहीं पैरहन ये कहता फिरे है उसकी ज़ुबाँ पे भी कहाँ कोई लिबास है फिर चाँदनी में देखिए शबनम को फूल पर गौहर तो वो नहीं अगरचे बात ख़ास है
~ ज़ोया गौतम ' निहां '
copyright Ⓒ zg 2022
..namastey!~
No comments:
Post a Comment
..namastey!~