कैसे वतन को नफ़रतें मज़बूत करेंगी सियासतें जो घर को ही ताबूत करेंगी
दिल में ज़रा सा रास्ता उल्फ़त को दीजिये मुहब्बतें ये आपको मबहूत करेंगी
रस्मों से बरहमन के है इतनी सी इल्तिजा वो अब नहीं किसी को यूँ अछूत करेंगी
होते हैं मो'जिज़ात ग़र यक़ीन हो ' निहां ' नज़रें वो मुहब्बत को ही मा'बूद करेंगी ~
( मबहूत > Amaze मो'जिज़ात > Miracles मा'बूद > Deity )
~ ज़ोया गौतम ' निहां '
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..namastey!~