Tuesday, February 1, 2022

URDU ~ POETRY__Draft










ये ज़ुल्फ़ घटा है धुआं है रात है कोई काला कोई जादू या इसमें बात है कोई


दस्तक पे ग़म की दिल भी अब ये कहने लगा है शायद ये दिलनशीं सी मुलाकात है कोई


~ ज़ोया गौतम ' निहां ' 

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..namastey!~