Saturday, February 19, 2022

URDU ~ POETRY__Draft

 12:53 AM · Feb 20, 2022Twitter Web App @Rekhta


ख़ामोशी तोड़ कर तेरी ये सरग़ोशी कहे क्या क्या

मैं समझा ही नहीं तू फिर कभी कहना निगाहों से
( सरग़ोशी __ Whispers )


~ ज़ोया गौतम ' निहां ' 

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..namastey!~