@kavishala / @Rekhta #WordOfTheDay _ उल्फ़त #ValentinesDay _ 1:01 PM · Feb 14, 2022·Twitter Web App
लो जलकर बुझ गया है आफ़ताब आहिस्ता आहिस्ता
घुले शब में तभी तो माहताब आहिस्ता आहिस्ता
के जितना वक़्त जाएगा शराब उतनी जवां होगी
यूँ ही आएगा उल्फ़त पर शबाब आहिस्ता आहिस्ता
हक़ीकत ये मुहब्बत की बहुत नाज़ुक है रे ग़ाफ़िल
कहीं हो जाए ना फिर से ये ख़्वाब आहिस्ता आहिस्ता
हुई बारिश लो फिर से यूँ इन्ही बंजर ज़मीनों पर
यूँ अच्छा होगा फिर जो है ख़राब आहिस्ता आहिस्ता
जो ज़िंदा ही न हो इंसानियत तो फिर ख़ुदाई क्या
के आता है दिलों में इंक़िलाब आहिस्ता आहिस्ता
~ ज़ोया गौतम ' निहां '
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..namastey!~