..the line of insanity in sanity.. (ibabbleat random!)
रोज़ा समझ के दिन गुज़ारता रहा सनम खाया पिया जिया जिसे तेरा ख़याल था ~ / Edit
[Draft : यूँ ही फ़ांकों में भी ये दिन गुज़ार कर देखे जो भी खाया पिया जिया वो इक ख़याल ही था ~ ]
~ ज़ोया गौतम ' निहां '
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..namastey!~
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