शिद्दत ए ग़म का फ़ुज़ूँ दिल में छुपाकर यारो देखिये फिर करे उल्फत भी क्या असर यारो ~
( 2 nd - Draft शिद्दत ए ग़म का फ़ुज़ूँ दिल में छुपाकर
आज फिर कोई दिवाना हो चला है )
फ़ुज़ूँ > increasing
( 1st Draft- कोई परवाना शमा का हो गया )
~ ज़ोया गौतम ' निहां '
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..namastey!~