Thursday, February 3, 2022

URDU ~ POETRY__Draft



 










वो एक झलक ख़्वाब में आए चले गए हम डूबती साँसों से बुलाए चले गए


आवारा आफ़ताब और शदीद सर्दियाँ यूं सर्द हसरतों को लुभाए चले गए


अब बेख़ुदी में ख़ुद को भी भुला चुका हूँ मैं फुरक़त की धूप, याद के साये चले गए


प्यासा ही कोई जानता है क्या है तिश्नगी फुज़ूल के बादल यूँ ही छाए चले गए


शिद्दत से ही कही थी जिनसे बात वो दिल की हर बात को हंसी में उड़ाए चले गए


~ ज़ोया गौतम ' निहां ' 

copyright Ⓒ zg 2022








No comments:

Post a Comment

..namastey!~