Wednesday, February 2, 2022

URDU ~ POETRY__Draft

 


वो चाहता है लोग अब उस को ख़ुदा कहें

कितने ही शहंशाह यूँ आए ,चले गए ~

-------------------

हाकिम ये कहे है के वो तेरा ही है नसीब नसीब बदलना तो है तेरे ही हाथ में ~

~ ज़ोया गौतम ' निहां ' 

copyright Ⓒ zg 2022

No comments:

Post a Comment

..namastey!~