Monday, February 14, 2022

~ POETRY__ #ValentinesDay

@kavishala  /  @Rekhta #WordOfTheDay  _ उल्फ़त  #ValentinesDay _ 1:01 PM · Feb 14, 2022·Twitter Web App











लो जलकर  बुझ गया  है आफ़ताब आहिस्ता आहिस्ता

घुले  शब में  तभी तो माहताब आहिस्ता आहिस्ता


के जितना वक़्त  जाएगा शराब उतनी जवां होगी 

यूँ ही आएगा उल्फ़त पर शबाब आहिस्ता आहिस्ता 


हक़ीकत ये मुहब्बत की बहुत  नाज़ुक है  रे ग़ाफ़िल 

कहीं हो जाए ना  फिर से ये ख़्वाब आहिस्ता आहिस्ता


हुई बारिश लो फिर से यूँ इन्ही बंजर ज़मीनों पर 

यूँ अच्छा होगा फिर जो है  ख़राब आहिस्ता आहिस्ता


जो ज़िंदा ही न हो इंसानियत तो फिर ख़ुदाई क्या 

के आता है  दिलों में इंक़िलाब आहिस्ता आहिस्ता


~ ज़ोया गौतम ' निहां ' 

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