..the line of insanity in sanity.. (ibabbleat random!)
उम्र-ए-गुरेज़ाँ में नज़र नज़र का तक़ाबुल है न तन्हाई मिली न खुद से मुलाक़ात हुई
( उम्र-ए-गुरेज़ाँ >fleeting Life / तक़ाबुल > Encounter )
~ ज़ोया गौतम ' निहां '
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..namastey!~
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