Sunday, January 30, 2022

URDU ~ POETRY__Draft

 

URDU ~ POETRY__Draft













किससे कहें ये हाल दिल के इज़्तिराब के हटते नहीं नज़ारे अब ये तेरे ख़्वाब के

चेहरे से जिसके चाँद को भी रश्क बहुत है शब शब कहाँ बग़ैर अब उस माहताब के

जमा बकाये का नहीं ये मामला कोई उल्फत में क्यूँ करें जतन ये एहतिसाब के

आँखों के वो सवाल उन आँखों के लिए थे कबसे हैं मुंतज़िर हम उनके इक जवाब के



~ ज़ोया गौतम ' निहां ' 

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..namastey!~