Saturday, January 15, 2022

 

 URDU ~ POETRY__Draft 







सनम रूठे न यूँ , न वो माने जो यूँ सबब जीने के फ़राहम न होंगे ~


~ ज़ोया गौतम ' निहां ' copyright Ⓒ zg 2022

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..namastey!~