Friday, January 14, 2022

 

URDU ~ POETRY__Draft 



इन्तेशार ए ग़म ए इज़्तिराब किसलिए कैसा भी हो जीने का इक बहाना चाहिए ~


~ ज़ोया गौतम ' निहां ' copyright Ⓒ zg 2022


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..namastey!~