URDU ~ POETRY__Draft
खुद ही को भूल जाऊं तुझे देखने के बाद
क्यूँ होश में मैं आऊं तुझे देखने के बाद
देखा जो कहकशाँ में वो तेरा ही अक्स था
मैं ईद भी मनाऊँ तुझे देखने के बाद
जो ख़ाकनशीनों के ही सजदे में सुने थे वो गीत गुनगुनाऊँ तुझे देखने के बाद
कब तक शब् ए फ़ुरक़त मुझे ज़िंदा यूँ रखेगी मैं ज़िन्दगी से जाऊं तुझे देखने के बाद
सुरूर ए इश्क़ का गुमां कैसे रहे 'निहां ' मैं जब यूं डगमगाऊं तुझे देखने के बाद
~ ज़ोया गौतम ' निहां '
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..namastey!~