Friday, January 21, 2022

 

URDU ~ POETRY__Draft














खुद ही को भूल जाऊं तुझे देखने के बाद क्यूँ होश में मैं आऊं तुझे देखने के बाद

देखा जो कहकशाँ में वो तेरा ही अक्स था मैं ईद भी मनाऊँ तुझे देखने के बाद

जो ख़ाकनशीनों के ही सजदे में सुने थे वो गीत गुनगुनाऊँ तुझे देखने के बाद


कब तक शब् ए फ़ुरक़त मुझे ज़िंदा यूँ रखेगी मैं ज़िन्दगी से जाऊं तुझे देखने के बाद


सुरूर ए इश्क़ का गुमां कैसे रहे 'निहां ' मैं जब यूं डगमगाऊं तुझे देखने के बाद


~ ज़ोया गौतम ' निहां ' 

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..namastey!~