URDU ~ POETRY__Draft
दो लब्ज़ हैं के तुमसे ही तो प्यार है
फिर इश्क़ में कहाँ सनद दरकार है जिसने कभी उल्फत को ही ज़िंदगी कहा क्यों इस क़दर वो खुद से ही बेज़ार हैनींदों में वो आये तो नींद उड़ा दे
कुछ इसलिए जीना हुआ दुश्वार है
~ ज़ोया गौतम ' निहां '
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..namastey!~