Wednesday, January 19, 2022


URDU ~ POETRY__Draft



 दो लब्ज़ हैं के तुमसे ही तो प्यार है

फिर इश्क़ में कहाँ सनद दरकार है जिसने कभी उल्फत को ही ज़िंदगी कहा क्यों इस क़दर वो खुद से ही बेज़ार है

नींदों में वो आये तो नींद उड़ा दे 
कुछ इसलिए जीना हुआ  दुश्वार है 

~ ज़ोया गौतम ' निहां ' 

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..namastey!~