Sunday, January 23, 2022

URDU ~ POETRY__Draft

 URDU ~ POETRY__Draft



कुछ तो यूँ ही टूट गए और कुछ ने धड़कन ही खो दी

कितनों ने दिल गिरवी रक्खे उन आँखों की घात के नाम


कुछ भी नहीं था बस इक दिल के उल्टे सीधे अरमां थे कितना बकाया निकला है अब मेरे ही जज़्बात के नाम ~

~ ज़ोया गौतम ' निहां ' 

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..namastey!~