URDU ~ POETRY__Draft
फिर दिल पे दिलरुबा का उन्हें नाम चाहिए
मिट जाएगी सूरज की जलन दिन भी ढलेगा जो ग़म को बुझा दे मुझे वो शाम चाहिए
रंजिश नहीं किसी से बस इक ख़ुद से जंग है ख़ुद को शिक़स्त दूँ वो इन्तेक़ाम चाहिए
रंगत है ग़म ए दिल की उनके दिल में भी ' निहां ' फूलों को तितलियों का एहतिमाम चाहिए ~
~ ज़ोया गौतम ' निहां '
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..namastey!~