Saturday, January 29, 2022

URDU ~ POETRY__Draft

 

URDU ~ POETRY__Draft









ज़रा सम्हाल के ज़मीं पे पांव रखियेगा न जाने किसके अश्क़ से ये ख़ाक भी नम है ~



( रखिये ज़मीं पे ये कदम आहिस्ता से अश्कों से हुयी ख़ाक नम आहिस्ता से )

~ ज़ोया गौतम ' निहां ' 

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..namastey!~