Friday, March 4, 2022

ख़फ़गी_आइना_ज़िंदगी

 #WordOfTheDay _ ख़फ़गी_annoyance

1:44 PM · Mar 4, 2022Twitter Web App








 

आशिक़ी हो के न हो दिल आशिक़ाना चाहिए

बेवजह गुल की तरह भी मुस्कुराना चाहिए

बात उल्टी सुल्टी ख़फ़गी में करे मेरा सनम ज़िंदगी को आइना यूँ भी दिखाना चाहिए


चल रहा हूँ आग पर मैं यूँ ही अपने शौक़ से अपनी क़ुव्वत को कभी तो आज़माना चाहिए


ठीक है चलता ही है मैं थक गया सुनते हुए जो ज़माने को बदल दे वो ज़माना चाहिए


नींद ले जाती है सबको दूसरे आलम में ही हमको भी ऐसा सफ़र कोई सुहाना चाहिए


इश्क़ ने कितनों को ऐसे ही दिवाना कर दिया इश्क़ हो जाए दिवाना वो दिवाना चाहिए


क़ुव्वत _ virtue


2:40 PM · Mar 4, 2022Twitter Web App


~ ज़ोया गौतम ' निहां ' 

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..namastey!~