2:57 PM · Mar 7, 2022Twitter Web App @Rekhta
ग़ैरों के ग़म का जिस को कोई ग़म नहीं होता उस आदमी से ही तो इस जहाँ की जंग है फ़लक पे नज़र कर लगाए दौड़ वो बच्चा
ख़ुश-कुन समा है फिर कोई कटी पतंग है
[ बर्बादियों का जिस को कोई ग़म नहीं होता
उस आदमी से ही तो इस जहाँ की जंग है नज़रें हैं आसमान पे दौड़े कोई बच्चा ख़ुश-कुन समा है फिर कोई कटी पतंग है ][ ख़ुश-कुन _ pleasing ]
~ ज़ोया गौतम ' निहां '
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..namastey!~