..the line of insanity in sanity.. (ibabbleat random!)
1:50 PM · Mar 15, 2022·Twitter Web App
साहिल पे बनाता है घर रेत का कोई बन बन के बिखरना तो आदत है ख़्वाब की
आंखें हैं नरगिसी और चम्पई हैं पैर मिलती नहीं मिसाल है ऐसे गुलाब की
~ ज़ोया गौतम ' निहां '
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..namastey!~
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