Tuesday, March 22, 2022

 

#WordOfTheDay

_ फ़ुर्क़त _ separation




2:44 PM · Mar 22, 2022Twitter Web App





ख़ुशबू का फ़ैसला हवा की ज़द से हो गया क़फ़स न था जहाँ ये जो सरहद से हो गया


शिकवे हों फुर्क़तों के गिले हिज्र के हों क्या मैं इश्क़ में तेरे जुदा तो ख़ुद से हो गया देखा है मैंने पत्थरों पे फूल वो खिला दिवाना मैं नुक़ूश-ए-ख़ाल-ओ-ख़द से हो गया


नशा जो सो रहा हो जगाती है ये शराब अचरज मुझे तिरे नशे की हद से हो गया


( नुक़ूश-ए-ख़ाल-ओ-ख़द _ facial imprints

ख़ाल-ओ-ख़द चेहरा मोहरा )


~ ज़ोया गौतम ' निहां ' 

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