#WordOfTheDay _ दस्तार
6:23 PM · Mar 2, 2022Twitter Web Appइंसाफ़ की दस्तार ही लेकर चली हवा
मज़लूम को सज़ा हुई मुल्ज़िम निकल गया
सहाफ़ियों ने कैसे सहाफ़त ही बेच दी
देखो ज़मीर उनका ये कैसे पिघल गया
आवाज़ बिक रही थी ख़रीदार थे कई
कैसे जम्हूरियत को ही कोई निगल गया
हाकिम के पा-ए-दान पे दस्तार है किसकी
शायद वो सहाफ़ी भी तो घुटनों के बल गया
ज़ंजीर से कभी नहीं बंधी हैं शुआएँ
टूटे हुए चराग़ से अँधेरा जल गया
~ ज़ोया गौतम ' निहां '
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दस्तार > headwear _ turban
सहाफ़ी> journalist
जम्हूरियत > Democracy
हाकिम >Ruler one in power or authority
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..namastey!~